Learning Zone

Learning Zone

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ! Tally Prime मे Ledgers बनाते समय Under Group का निर्धारण?

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

Tally Prime Ledgers Under Group List in Hindi – दोस्तो जैसा की आपको पता होगा की Tally एक Accounting Software है| जिसमे आप अपने व्यवसाय का हिसाब किताब करते है| लेकिन इसके लिए आपको सबसे पहले टैली मे कंपनी बनाना होता है और उसके बाद ठीक प्रकार से Ledger बनाना होता है और Ledger के लिए सही Group का निर्धारण करना होता है| क्यूकी यदि आपने Ledger के लिए सही Group सिलेक्ट नही किया है तो Tally आपको गलत परिणाम दिखा सकता है|

आज हम Tally के इसी समस्या के बारे मे बात करेंगे| जिसके कारण बहुत से नए यूजर का Tally मे Trading Account, Profit & Loss Account और Balance Sheet का परिणाम ठीक तरह से नही दिखाता है| क्यूकी वे Ledger के सही Group को सिलेक्ट नही किए रहते है| तो चलिये अब हम Tally के उन सभी Groups के बारे मे जानते है की कौन सा Ledger किस Group मे आएगा|

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

इसे भी पढे :- Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi – Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे जाने हिन्दी मे

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

  1. Bank Accounts – Bank Account Group मे सभी बैंक के खातो को शामिल किया जाता है| मगर Bank Loan अकाउंट को इसमे शामिल नही किया जाता है| जैसे – HDFC Bank A/c, SBI Bank A/c इत्यादि|
  2. Bank OCC A/c – Bank OCC A/c यानि Bank Open Cash Credit Account Group मे Bank Loan अकाउंट को शामिल किया जाता है| यानि यदि आपने किसी बैंक से लोन लिया है तो उस खाते को आप इस Group मे शामिल कर सकते है| जैसे – HDFC Bank Loan A/c, SBI Bank Loan A/c इत्यादि|
  3. Bank OD A/c – Bank OD A/c यानि Bank Overdraft A/c Group मे सभी Bank Overdraft अकाउंट को शामिल किया जाता है| यानि आपने किसी बैंक से Overdraft लिया है तो इस Group मे शामिल कर सकते है| जैसे – HDFC Bank OD A/c, SBI Bank OD A/c इत्यादि|
  4. Branch/Divisions – यदि आपके कंपनी का एक से ज्यादा ब्रांच है और उन सभी ब्रांच का हिसाब किताब एक ही जगह रखा जाता है तो आप उन सभी Branch/Divisions से संबन्धित खातो को इस Group मे शामिल कर सकते है| जैसे – ABC Pvt. Ltd. Gopalganj, ABC Pvt. Ltd. Bettiah इत्यादि|
  5. Capital Account – Capital Account Group मे कंपनी के मालिक के खातो को शामिल किया जाता है| जैसे यदि कंपनी के मालिक का नाम है Hari Singh तो Hari Singh Capital A/c का लेजर इस ग्रुप मे शामिल किया जाएगा|
  6. Cash-in-Hand – Cash in Hand Group मे Cash के Ledger को शामिल किया जाता है| हालाकी Cash का लेजर पहले से ही Tally मे बाय डिफ़ाल्ट बना होता है| मगर आपको Cash से संबन्धित और भी लेजर को बनाना हो तो आप इस ग्रुप मे शामिल कर सकते है| जैसे – Cash Gopalganj, Cash Siwan, Petty Cash A/c इत्यादि|
  7. Current Assets – Current Assets Group मे उन सभी संपत्तियां (Assets) को शामिल किया जाता है जिसे आसानी से Cash मे बदला जा सकता है| यानि यदि आपने किसी कंपनी या व्यक्ति को एडवांस मे कोई पेमेंट किया है तो उसे आप इस ग्रुप मे शामिल कर सकते है| जैसे – Advance Salary, Prepaid Rent, Prepaid Insurance Charge इत्यादि|
  8. Current Liabilities – Current Liabilities Group मे उन देनदारियों (Liabilities) को शामिल किया जाता है यदि आपने किसी कंपनी या व्यक्ति से एडवांस पेमेंट प्राप्त किया है या कोई कंपनी का expense है| जिसका आपको पेमेंट करना है तो इन सभी प्रकार के देनदारियों को आप इस ग्रुप मे शामिल कर सकते है| जैसे – GST Payable, Bill Payable, Salary Payable इत्यादि| 
  9. Deposits (Asset) – Deposits (Asset) Group मे उन सभी Fix Deposits या Investment को शामिल कर सकते है जो की आपने अपने व्यवसाय के लिए किया है और आपको पता है की यह इतने साल के बाद Fix Deposit पूरा होगा| इन सभी प्रकार के लेजर को आप इस ग्रुप मे शामिल कर सकते है| जैसे – Office Rent Deposit, Security Deposit इत्यादि|
  10. Direct Expenses –  Direct Expenses Group मे उन सभी प्रकार के खर्चो को शामिल किया जाता है जिसका सीधा संबंध वस्तुओ के खरीदने मे या वस्तुओ के उत्पाद करने से होता है उन सभी खर्चो (Expense) को आप इस ग्रुप मे शामिल कर सकते है| जैसे – Freight Charge, Transport Expense, Wedges Expense इत्यादि|
  11. Direct Incomes – Direct Incomes Group मे उन सभी आय को शामिल किया जाता है जो की उस व्यवसाय के प्रत्यक्ष आय से संबन्धित हो| अर्थात आपका व्यवसाय माल (Goods) को खरीद के या उत्पाद करके Sale करना है| तो उस Sale से आपको जो भी आय होगा उसे हम इस ग्रुप मे शामिल कर सकते है| जैसे – Freight Charge Income, Income From Service इत्यादि|
  12. Duties & Taxes – Duties & Taxes Group मे व्यवसाय से संबन्धित सभी प्रकार के Tax को शामिल किया जाता है| जैसे – Input IGST, Input CGST, Input SGST, Output IGST, Output CGST, Output SGST, TDS, Vat Payable इत्यादि|
  13. Expenses (Direct) – Expenses (Direct) Group मे उन सभी प्रकार के खर्चो को शामिल किया जाता है जिसका सीधा संबंध वस्तुओ के खरीदने मे या वस्तुओ के उत्पाद करने से होता है उन सभी खर्चो (Expense) को आप इस ग्रुप मे शामिल कर सकते है| जैसे – Freight Charge, Transport Expense, Wedges Expense इत्यादि|
  14. Expenses (Indirect) – Expenses (Indirect) Group मे उन सभी प्रकार के खर्चो को शामिल किया जाता है जिसका सीधा संबंध वस्तुओ के खरीदने मे या वस्तुओ के उत्पाद करने से नही होता है उन सभी खर्चो (Expense) को आप इस ग्रुप मे शामिल कर सकते है| जैसे –  Salary, Office Rent, Audit Fee, Office Expense, Bank Charge इत्यादि|
  15. Fixed Assets – Fixed Assets Group मे व्यवसाय के सभी स्थायी संपत्तियां को शामिल किया जाता है| स्थायी संपत्तियां व्यवसाय के संचालन मे सहायक होते है| जैसे – Building, Land, Computer, Furniture इत्यादि|
  16. Income (Direct) – Incomes (Direct) Group मे उन सभी आय को शामिल किया जाता है जो की उस व्यवसाय के प्रत्यक्ष आय से संबन्धित हो| अर्थात आपका व्यवसाय माल (Goods) को खरीद के या उत्पाद करके Sale करना है| तो उस Sale से आपको जो भी आय होगा उसे हम इस ग्रुप मे शामिल कर सकते है| जैसे – Freight Charge Income, Income From Service इत्यादि|
  17. Income (Indirect) – Incomes (Indirect) Group मे उन सभी आय को शामिल किया जाता है जो की उस व्यवसाय के अप्रत्यक्ष आय से संबन्धित हो| अर्थात इसका सीधा संबंध माल की विक्री या उत्पाद से नही होता है| जैसे – Interest Received, Discount Received, Scrap Sale इत्यादि|
  18. Indirect Expenses – Indirect Expenses Group मे उन सभी प्रकार के खर्चो को शामिल किया जाता है जिसका सीधा संबंध वस्तुओ के खरीदने मे या वस्तुओ के उत्पाद करने से नही होता है उन सभी खर्चो (Expense) को आप इस ग्रुप मे शामिल कर सकते है| जैसे –  Salary, Office Rent, Audit Fee, Office Expense, Bank Charge इत्यादि|
  19. Indirect Incomes – Indirect Incomes Group मे उन सभी आय को शामिल किया जाता है जो की उस व्यवसाय के अप्रत्यक्ष आय से संबन्धित हो| अर्थात इसका सीधा संबंध माल की विक्री या उत्पाद से नही होता है| जैसे – Interest Received, Discount Received, Scrap Sale इत्यादि|
  20. Investment – यदि आपने व्यवसाय मे लंबे समय के लिए कोई निवेश किया है और आपको पता ही नही होता की इस निवेश से Profit होगा या Loss. तो ऐसे निवेश (Investment) के खातो को Investment Group मे शामिल करते है| जैसे – Investment in Share, Long term investment, Short term investment, Mutual Fund इत्यादि|
  21. Loan & Advances (Asset) – यदि आपने व्यवसाय मे किसी को Advance Payment या Loan दिया है तो ऐसे खातो को Loan & Advance (Asset) Group मे शामिल करते है| जैसे – Loan Give to Friends, Relatives and Company इत्यादि|
  22. Loans (Liability) – यदि आपने व्यवसाय मे किसी से Advance Payment या Loan लिया है तो ऐसे खातो को Loans (Liability) Group मे शामिल करते है| जैसे – Loan From Outside Party इत्यादि|
  23. Misc. Expenses (Asset) – Misc. Expenses (Asset) Group मे हम उन सभी Doubtful खर्चे को शामिल करते है जिसका पेमेंट हमे बाद मे करना पड सकता है| जैसे Preliminary Expenses, Not Yet Written off इत्यादि|
  24. Provisions – Provisions Group मे उन सभी खातो को शामिल किया जाता है जिसका भुगतान हमे भविष्य मे करना होता है| जैसे – TDS Payable, Audit Fees Payable इत्यादि|
  25. Purchase Accounts – Purchase Account Group मे ऐसे खातो को शामिल किया जाता है जो की व्यवसाय मे माल (Goods) खरीदी से संबन्धित होते है| खरीद वापसी (Purchase Return) के खातो को भी इस ग्रुप मे शामिल किया जाता है| जैसे – Purchase Intra State, Purchase Inter State, Purchase (Composition), Purchase Exempt इत्यादि|
  26. Reserves & Surplus – वो पूंजी जो व्यवसाय को बेहतर बनाने के लिए और Secure Future के लिए बचाके रखी जाती है जो व्यवसाय के बुरे वक्त मे काम आती है| तो इस प्रकार से संबन्धित खातो को Reserves & Surplus Group मे शामिल करते है| जैसे General Reserves, Capital Reserve, Share Premium A/c, All Type Reserve इत्यादि|
  27. Retained Earnings – आपके व्यवसाय मे जो earnings होती है और उन earnings मे से आप कुछ हिस्सा बचाके भविष्य के लिए रख लेते है की बाद मे आपको कंपनी मे कोई पैसे की जरूरत पड़े तो आप इसमे से निकाल के कंपनी मे लगा सके| तो इन प्रकार के ledger को Retained Earnings Group मे शामिल करते है| जैसे – General Reserve, Share Premium, Any other Reserve and Investment
  28. Sales Accounts – Sales Accounts Group मे उन खातो को शामिल किया जाता है जिसका संबंध माल (Goods) की विक्री से हो| विक्री वापसी (Sales Return) के खातो को भी इस ग्रुप मे शामिल किया जाता है| जैसे – Sales Intra State, Sales Inter State, Sales (Composition), Sales Exempt इत्यादि|
  29. Secured Loans – यदि आपने व्यवसाय मे कोई Loan लिया है Bank को छोड़कर जिसमे कोई Security रखना होती है| तो उन सभी खातो को Secured Loans Group मे शामिल करते है| जैसे – Motor Finance Loan, Gold Loan इत्यादि|
  30. Stock-in-Hand – Stock in Hand Group मे Stock से संबन्धित खातो को शामिल किया जाता है| जैसे Opening Stock, Closing Stock, Consignment Stock इत्यादि|
  31. Sundry Creditors – यदि आपने किसी कंपनी या व्यक्ति से उधार पर माल (Goods) खरीदा है और उन्हे हमे पैसे देने होते है| तो उन सभी कंपनी या व्यक्ति के खातो को हम Sundry Creditors Group मे शामिल करते है|
  32. Sundry Debtors – यदि आपने किसी कंपनी या व्यक्ति से उधार पर माल (Goods) बेचा है और उनसे हमे पैसे पाने होते है| तो उन सभी कंपनी या व्यक्ति के खातो को हम Sundry Debtors Group मे शामिल करते है|
  33. Suspense Account – Suspense Account Group मे हम ऐसे खातो (Ledgers) को शामिल करते है जिसके बारे मे हमे पता नही होता है|
  34. Unsecured Loans – यदि व्यवसाय मे आपने किसी दोस्त या रिस्तेदार से लोन लिया है तो ऐसे लोन को Unsecured Loans Group मे शामिल करते है|

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

इसे भी पढ़े :- 

Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे जाने हिन्दी मे

Tally Prime मे GST के साथ Purchase Entry कैसे करे ?

Tally Prime मे Godown कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Unit कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Stock Group कैसे बनाये ?

Tally Prime मे Stock Item कैसे बनाये ?

Tally Prime me Ledger kaise banaye ?

Tally Prime me group kaise banaye ?

Tally Prime मे Company कैसे बनाये?

What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi

पोस्ट से संबन्धित सारांश :-

आज हमने इस पोस्ट मे सीखा की Tally Prime मे Ledger को Create करते समय Under Group का निर्धारण कैसे करे| हम उम्मीद करते है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा| यदि यह पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे, जिससे उनको भी यह जानकारी प्राप्त हो सके|

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ! Tally Prime मे Ledgers बनाते समय Under Group का निर्धारण? Read More »

Tally Prime मे Group क्या है और इसे कैसे बनाये |

Tally Prime me group kaise banaye ?

What is Group in Tally Prime ? How to Create Group in Tally Prime in Hindi ? Tally Prime me group kaise banaye ?

दोस्तो आज हम इस पोस्ट मे जानेगे की Tally Prime Me Group Kya Hai? तथा Tally Prime Me Group Kaise Banaya Jata Hai? और साथ मे हम यह भी देखेंगे की Tally Prime मे Group को Alter कैसे किया जाता है और Delete कैसे किया जाता है|

दोस्तो Tally Prime मे Group बनाने से पहले यह जान लेना जरूरी है की आखिर मे Group क्या होता है| दोस्तो ग्रुप (Group) खातो (Ledger) का संग्रहण होता है, जिसके अंदर हम अपनी सुविधा के हिसाब से एक ही प्रकार के खातो (Ledger) को एक ग्रुप (Group) मे रख सकते है| 

दोस्तो Tally Prime मे पहले से ही 28 Groups बने होते है| जिसमे से 15 Primary Groups होते है और 13 Sub Groups होते है|

Tally Prime me group kaise banaye – How to Create Group in Tally Prime in Hindi ?

देखा जाए तो Tally मे Group एक तरह का Collection होता है, जिसमे ढेर सारी Ledger’s का, तथा किसी भी Ledger को बनाते समय हमे उसे एक Group मे रखना होता है क्यूकी हर एक Group का अपना एक विशेष प्रकृति Tally Prime Software मे Define किया जाता है|

इसे भी पढे :- Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi – Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे जाने हिन्दी मे

How to Create Single Group in Tally Prime ?

Tally Prime मे single group create करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को फ्लो करे |

Step 1 – सबसे पहले अपने कम्प्युटर मे Tally Prime को ओपेन कर ले|

Step 2 – Tally Prime ओपेन होने के बाद जिस कंपनी मे Group बनाना है उस कंपनी को सिलेक्ट करके ओपेन कर ले|

Step 3 –  अब आपके सामने Gateway of Tally की विंडो दिखाई दे रही होगी, इस विंडो पर Create के ऑप्शन पर क्लिक करे|

Step 4 – अब आपके सामने List of Masters की विंडो ओपेन होगी, इसमे आपको Group पर क्लिक करना है|

Step 5 – अब आपके सामने Group Creation की विंडो ओपेन हो जाएगी, इस विंडो मे आपको जो भी Group Create करना है उसकी डिटेल्स को भर ले|

Name – इसमे आपको जिस नाम से Group बनाना है उस नाम को टाइप कर दे|

Alias – इसमे आप अपने Group का कोई भी वैकल्पिक नाम दे सकते है या इसे खाली भी छोड़ सकते है|

Under – इसमे आपको अपने Group का Under Group डालना है| आप जैसे ही इस ऑप्शन पर आएगे आपके सामने List of Groups की विंडो दिखाई देगी इसमे से आपको उस ग्रुप को सिलेक्ट करना है| जिसके अंदर इस Group को डालना है | जैसे की यदि आपने किसी को माल बेचा है और आप चाहते है की उसका लेजर Sundry Debtors Group के अंदर बने Instate Sale Group मे दिखाई दे तो आप Instate Sale Group को Sundry Debtors Group के अंदर डाल दे|

Step 6 – Group behaves like a sub-ledger इस ऑप्शन को Yes करने से आप जब भी किसी रिपोर्ट को देखते है तो आपको केवल Group का Balance दिखाई देता है| Ledger का Balance दिखाई नही देता है|

Step 7 – Nett Debit/Credit Balance For Reporting इस ऑप्शन को Yes करने से आप जब भी Trial Balance मे रिपोर्ट देखते है तो आपको Debit और Credit Balance के जगह पर Ledger की कुल राशि दिखाई देती है|

Tally Prime me group kaise banaye – How to Create Group in Tally Prime in Hindi ?

Step 8 – Used for calculation (for example: taxes, discounts) यदि आप चाहते है की जब भी आप इस Group से संबन्धित Entry करे तो Tax और Discount Calculate हो| तो इस ऑप्शन को Yes कर दे|

Step 9 – Method to allocate when used in purchase invoice यदि आप इस ग्रुप का प्रयोग Purchase Voucher के लिए करते है| और आप चाहते है की Purchase Bill मे जो Quantity या Value है वह आपकी Purchase रिपोर्ट मे add हो जाए तो इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते है|

Step 10 – अब आप अपने Group को Accept करा दे| आपका Group Create हो जाएगा|

इसे भी पढे :- Tally Prime me Ledger kaise banaye ?

How to Create Multiple Group in Tally Prime ?

Tally Prime मे multiple group create करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को फ्लो करे |

Step 1 – सबसे पहले अपने कम्प्युटर मे Tally Prime को ओपेन कर ले|

Step 2 – Tally Prime ओपेन होने के बाद जिस कंपनी मे Group बनाना है उस कंपनी को सिलेक्ट करके ओपेन कर ले|

Step 3 –  अब आपके सामने Gateway of Tally की विंडो दिखाई दे रही होगी, इस विंडो पर Charts of Accounts के ऑप्शन पर क्लिक करे|

Step 4 – अब आपके सामने List of Masters की विंडो ओपेन होगी, इसमे आपको Group पर क्लिक करना है|

Step 5 – अब आपके सामने List of Groups को विंडो दिखाई देगी यहा पे आपको Alt+H प्रेस करना है|

Step 6 – अब आपके सामने Multi-Master की विंडो दिखाई देगी इसमे से आपको Multi Create पर क्लिक करना है|

Step 7 – अब आपके सामने Multi Group Creation की विंडो ओपेन हो जाएगी| इसमे पहला ऑप्शन आपको Under Group का मिलेगा| यदि आप Group किसी एक ही ग्रुप से संबन्धित बना रहे है तो आप उस ग्रुप का नाम सिलेक्ट कर सकते है| जैसे की सभी Group Sundry Debtors से संबन्धित है तो आप Sundry Debtors ग्रुप को सिलेक्ट करेंगे| मगर यदि ग्रुप अलग-अलग ग्रुप से संबन्धित है तो आप Under Group मे All Items को सिलेक्ट कर सकते है|

Step 8 – Name of Group मे ग्रुप का नाम टाइप करे, यदि आपने Under Group मे किसी ग्रुप का नाम सिलेक्ट किया है तो Under मे ऑटोमैटिक उस ग्रुप का नाम आ जाएगा| मगर यदि आपने Under Group मे All Item को सिलेक्ट किया है तो आपको ग्रुप के लिए ग्रुप नाम को सिलेक्ट करना होगा|

Step 10 – Single Group बनाते समय आपको और भी कई ऑप्शन मिलते है उन सब ऑप्शन को अपने Group मे एड़ करने के लिए कीबोर्ड से Ctrl+I बटन प्रेस करे| उसके बाद आपके सामने More Details की विंडो ओपेन हो जाएगी उसमे से आपको जो भी डिटेल्स एड़ करनी है उसे एड़ कर सकते है|

Step 11 – सारे डिटेल्स को भरने के बाद इसे Accept करा दे अब आपके सारे Group क्रिएट हो जाएंगे|

Tally Prime me group kaise banaye – How to Create Group in Tally Prime in Hindi ?

How to alter Group in Tally Prime ?

Tally Prime मे Group को Alter करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को फ्लो करे|

Step 1 –  Gateway of Tally की विंडो मे Alter का ऑप्शन दिखाई देगा उसपे क्लिक करे|

Step 2 – अब आपके सामने List of Masters की विंडो ओपेन होगी, इसमे आपको Group पर क्लिक करना है|

Step 3 – अब आपके सामने List of Group की लिस्ट खुल जाएगी अब आपको जिस भी Group को Alter करना है उस पे क्लिक करे|

Step 4 – अब आपके सामने वह ग्रुप ओपेन हो जाएगी अब आप इसमे जो भी बदलाव करना है उसे करके Accept करा दे|

How to delete Group in Tally Prime ?

Tally Prime मे Group को Delete करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को फ्लो करे|

Step 1 –  Gateway of Tally से Alter के ऑप्शन पर क्लिक करे|

Step 2 – अब आपके सामने List of Masters की विंडो ओपेन होगी, इसमे आपको Group पर क्लिक करना है|

Step 3 – अब आपके सामने List of Group की लिस्ट खुल जाएगी अब आपको जिस भी Group को Delete  करना है उस पे क्लिक करे|

Step 4 – अब आप अपने Keyboard से Alt+D प्रेस करके इस Group को डिलीट कर सकते है|

इसे भी पढ़े :- 

Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे जाने हिन्दी मे

Tally Prime मे GST के साथ Purchase Entry कैसे करे ?

Tally Prime मे Godown कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Unit कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Stock Group कैसे बनाये ?

Tally Prime मे Stock Item कैसे बनाये ?

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

Tally Prime me Ledger kaise banaye ?

Tally Prime मे Company कैसे बनाये?

What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi

पोस्ट से संबन्धित सारांश :-

आज हमने इस पोस्ट मे सीखा की Tally Prime मे Group को Create, Alter या Delete कैसे करे| यदि आपको टैली प्राइम के बारे मे और भी कुछ जानना है तो आप हमे Comment कर सकते है या हमे Mail कर सकते है| हम उस topic पर भी article बना के publish कर देंगे| हम उम्मीद करते है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा| यदि यह पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे, जिससे उनको भी यह जानकारी प्राप्त हो सके|

Tally Prime मे Group क्या है और इसे कैसे बनाये | Read More »

Tally Prime me ledger kaise banaye ? Create Single or Multiple ledger in Tally Prime

Tally Prime me ledger kaise banaye

Tally Prime me Ledger kaise banaye ? – दोस्तो जब आप Tally Prime मे Company Create कर लेते है तो उसके बाद आपको Ledger Create करना होता है| क्यूकी बिना लेजर क्रिएट किए आप टैली मे कोई भी वाउचर एंट्री नही कर पाएगे|

अब आपको यह जान लेना जरूरी है की ledger क्या होता है| दोस्तो Ledger को हिन्दी मे खाता बही कहते है और जैसा की आप जानते होंगे की एकाउंटिंग Manual हो या Computerised खाता बही पर एकाउंटिंग का सारा सिस्टम ही निर्भर रहता है| क्यूकी बिना खाता बही के आप कोई भी entry नही कर पाएंगे और इन्ही entry मे उपयोग होने वाले खातो को Tally मे Ledger कहा जाता है|

Tally Prime me Ledger kaise banaye ?

उदाहरण के लिए यदि आपने ABC नाम के एक ग्राहक को उधार पर माल बेचा तो इसके लिए आपको दो खाते बनाने होंगे एक ABC नाम का एक खाता और दूसरा विक्री (Sale) का खाता| Accounting की भाषा मे इन्ही खातो को Ledger कहा जाता है|

इसे भी पढ़े :- Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

दोस्तो Tally Prime मे Tally ERP9 की अपेक्षा लेजर बनाना थोड़ा सा अलग है और बहुत आसान है| Tally मे आप दो प्रकार से Ledger Create कर सकते है एक Single Ledger और दूसरा Multiple Ledger. यदि आपको Tally मे एक या दो लेजर बनाने है तो आप Single Ledger के द्वारा बना सकते है और यदि आपको बहुत सारे लेजर बनाना हो तो आप Multiple Ledger के द्वारा बहुत ही आसानी से बना सकते है|

How to create single ledger in Tally Prime ?

Tally Prime मे single ledger create करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को फ्लो करे |

Step 1 – सबसे पहले अपने कम्प्युटर मे Tally Prime को ओपेन कर ले|

Step 2 – Tally Prime ओपेन होने के बाद जिस कंपनी मे ledger बनाना है उस कंपनी को सिलेक्ट करके ओपेन कर ले|

Step 3 –  अब आपके सामने Gateway of Tally की विंडो दिखाई दे रही होगी, इस विंडो पर Create के ऑप्शन पर क्लिक करे|

Step 4 – अब आपके सामने List of Masters की विंडो ओपेन होगी, इसमे आपको Ledger पर क्लिक करना है|

Step 5 – अब आपके सामने Ledger Creation की विंडो ओपेन हो जाएगी, इस विंडो मे आपको जो भी Ledger Create करना है उसकी डिटेल्स को भर ले|

Name – इसमे आपको जिस नाम से ledger बनाना है उस नाम टाइप कर दे|

Alias – इसमे आप अपने ledger का कोई भी वैकल्पिक नाम दे सकते है या इसे खाली भी छोड़ सकते है|

Description – इसमे आप अपने खाते (Ledger) से संबन्धित कोई Description देना चाहते है तो दे सकते है| नही तो छोड़ दे|

Under – इसमे आपको अपने Ledger का Group डालना है, आप जैसे ही इस ऑप्शन पर आएगे आपके सामने List of Groups की विंडो दिखाई देगी इसमे से आपको उस ग्रुप को सिलेक्ट करना है| जैसे की यदि आपने किसी को माल बेचा है तो उसके लिए आपको Sundry Debtors ग्रुप को सिलेक्ट करना है| आप चाहे तो Alt+C प्रेस करके नया ग्रुप बना भी सकते है|

Mailing Address – इसमे आपको उस पार्टी या कस्टमर की पूरी एड्रैस को डालना है जिसका ledger आप create कर रहे है|

Banking Details – इसमे आपको उस पार्टी या कस्टमर की Bank डिटेल्स भरनी है जिसका ledger आप बना रहे है आप चाहे तो इसे छोड़ भी सकते है|

Tax Registration Details – इसमे आपको उस Ledger से संबन्धित Tax Registration Details को देनी है| Pan/IT No मे उस पार्टी या कस्टमर का Pan Number डाल दे, Registration Type मे यदि Ledger किसी कस्टमर का बना रहे है तो Consumer को सिलेक्ट कर ले, मगर यदि लेजर किसी पार्टी का है और वह पार्टी GST मे Registered है तो आप Composition और Regular दोनों मे से जिसमे भी रैजिस्टर्ड है उसको सिलेक्ट कर ले और यदि पार्टी GST मे Registered नही है तो Unregistered वाले ऑप्शन को सिलेक्ट कर ले| उसके बाद उस पार्टी का GSTIN/UIN नंबर भर दे| Set/Alter GST Details ऑप्शन का इस्तेमाल करके आप अपने GST Details को Set या Alter कर सकते है|

Step 6 – सारे डिटेल्स को भरने के बाद इसे Accept करा दे| अब आपका ledger create हो गया|

इसे भी पढ़े :-  Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi – Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे जाने हिन्दी मे

How to create multiple ledger in Tally Prime ?

Tally Prime मे multiple ledger create करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को फ्लो करे |

Step 1 – सबसे पहले अपने कम्प्युटर मे Tally Prime को ओपेन कर ले|

Step 2 – Tally Prime ओपेन होने के बाद जिस कंपनी मे ledger बनाना है उस कंपनी को सिलेक्ट करके ओपेन कर ले|

Step 3 –  अब आपके सामने Gateway of Tally की विंडो दिखाई दे रही होगी, इस विंडो पर Charts of Accounts के ऑप्शन पर क्लिक करे|

Step 4 – अब आपके सामने List of Masters की विंडो ओपेन होगी, इसमे आपको Ledger पर क्लिक करना है|

Step 5 – अब आपके सामने List of Ledgers की विंडो दिखाई देगी यहा पे आपको Alt+H प्रेस करना है|

Step 6 – अब आपके सामने Multi-Master की विंडो दिखाई देगी इसमे से आपको Multi Create पर क्लिक करना है|

Tally Prime me Ledger kaise banaye ?

Step 7 – अब आपके सामने Multi Ledger Creation की विंडो ओपेन हो जाएगी| इसमे पहला ऑप्शन आपको Under Group का मिलेगा| यदि आप ledger किसी एक ही ग्रुप से संबन्धित बना रहे है तो आप उस ग्रुप का नाम सिलेक्ट कर सकते है| जैसे की सभी ledger Direct Expense से संबन्धित है तो आप Direct Expenses ग्रुप को सिलेक्ट करेंगे| मगर यदि ledger अलग-अलग ग्रुप से संबन्धित है तो आप Under Group मे All Items को सिलेक्ट कर सकते है|

Step 8 – Name of Ledger मे लेजर का नाम टाइप करे, यदि आपने Under Group मे किसी ग्रुप का नाम सिलेक्ट किया है तो Under मे ऑटोमैटिक उस ग्रुप का नाम आ जाएगा| मगर यदि आपने Under Group मे All Item को सिलेक्ट किया है तो आपको लेजर के लिए ग्रुप नाम को सिलेक्ट करना होगा|

Step 9 – Opening Balance मे यदि आपके लेजर का कोई पीछे का बैलेन्स है तो उसे आप इसमे डाल सकते है| मगर आप कोई भी ओपेनिंग बैलेन्स नही डालना चाहते है तो अच्छा होगा की इस ऑप्शन को डीसेबल कर दे उसके लिए आपको Keyboard से F12 बटन को प्रेस करना है और Skip the Opening Balance column को Yes कर दे|

Step 10 – Single Ledger बनाते समय आपको और भी कई ऑप्शन मिलते है उन सब ऑप्शन को अपने ledger मे एड़ करने के लिए कीबोर्ड से Ctrl+I बटन प्रेस करे| उसके बाद आपके सामने More Details की विंडो ओपेन हो जाएगी उसमे से आपको जो भी डिटेल्स एड़ करनी है उसे एड़ कर सकते है|

Step 11 – सारे डिटेल्स को भरने के बाद इसे Accept करा दे अब आपके सारे ledger क्रिएट हो जाएंगे|

Tally Prime me Ledger kaise banaye ?

How to alter ledger in Tally Prime ?

Tally Prime मे ledger को alter करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को फ्लो करे|

Step 1 –  Gateway of Tally की विंडो मे Alter का ऑप्शन दिखाई देगा उसपे क्लिक करे|

Step 2 – अब आपके सामने List of Masters की विंडो ओपेन होगी, इसमे आपको Ledger पर क्लिक करना है|

Step 3 – अब आपके सामने List of Ledger की लिस्ट खुल जाएगी अब आपको जिस भी Ledger को Alter करना है उस पे क्लिक करे|

Step 4 – अब आपके सामने वह लेजर ओपेन हो जाएगी अब आप इसमे जो भी बदलाव करना है उसे करके Accept करा दे|

How to delete ledger in Tally Prime ?

Tally Prime मे ledger को Delete करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को फ्लो करे|

Step 1 –  Gateway of Tally से Alter के ऑप्शन पर क्लिक करे|

Step 2 – अब आपके सामने List of Masters की विंडो ओपेन होगी, इसमे आपको Ledger पर क्लिक करना है|

Step 3 – अब आपके सामने List of Ledger की लिस्ट खुल जाएगी अब आपको जिस भी Ledger को Delete  करना है उस पे क्लिक करे|

Step 4 – अब आप अपने Keyboard से Alt+D प्रेस करके इस लेजर को डिलीट कर सकते है|

इसे भी पढ़े :- 

Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे जाने हिन्दी मे

Tally Prime मे GST के साथ Purchase Entry कैसे करे ?

Tally Prime मे Godown कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Unit कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Stock Group कैसे बनाये ?

Tally Prime मे Stock Item कैसे बनाये ?

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

Tally Prime me group kaise banaye ?

Tally Prime मे Company कैसे बनाये?

What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi

पोस्ट से संबन्धित सारांश :-

आज हमने इस पोस्ट मे सीखा की Tally Prime मे Ledger को Create, Alter या Delete कैसे करे| यदि आपको टैली प्राइम के बारे मे और भी कुछ जानना है तो आप हमे Comment कर सकते है या हमे Mail कर सकते है| हम उस topic पर भी article बना के publish कर देंगे| हम उम्मीद करते है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा| यदि यह पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे, जिससे उनको भी यह जानकारी प्राप्त हो सके|

Tally Prime me ledger kaise banaye ? Create Single or Multiple ledger in Tally Prime Read More »

Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi – Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे जाने हिन्दी मे

Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi 

Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi

Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi :- दोस्तो जैसे की आपको पता होगा की Tally Solutions Company ने Tally का ही एक नया Software रिलीज किया है जिसका नाम है Tally Prime. इसे 09 नवम्बर 2020 को रिलीज किया गया है| Tally Prime यूजर के कार्यो को सरल और तीव्र करने के लिए तैयार किया गया है और जहा Tally ERP 9 को Mouse से चलाना बहुत मुश्किल का कार्य था वही टैली प्राइम मे इस समस्या को भी सुलझा दिया गया है| अब आप Tally Prime को आसानी से Mouse के द्वारा भी चला सकते है|

इसी प्रकार से और भी बहुत सारे परिवर्तन टैली प्राइम मे किए गए है जिनमे Tally की Shortcut Key भी है| Tally Prime मे बहुत सारे Shortcut Key को Add किया गया है जिसका इस्तेमाल करके यूजर घंटो को काम मिनटो मे कर सकते है| आज हम टैली प्राइम के सभी Shortcut Keys के बारे मे विस्तार से जानेगे|

Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi 

Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi 

 

Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi 

Hidden Keys in Tally Prime 

F11 – इस Key को दबाने से Company Features स्क्रीन खुल जाता है जिसमे आपको Accounting, Inventory, Taxation, Online Access आदि से संबन्धित Settings मिल जाती है|

Home/PgUp – इस Key का इस्तेमाल सूची मे किसी भी लाइन से पहली पंक्ति पर जाने के लिए किया जाता है|

Home – इस Key का इस्तेमाल किसी क्षेत्र मे किसी भी बिन्दु से उस क्षेत्र के शुरुवाती टेक्स्ट पर जाने के लिए किया जाता है|

End/PgDn – इस Key का इस्तेमाल सूची मे किसी भी लाइन से अंतिम पंक्ति पर जाने के लिए किया जाता है|

End – इस Key का इस्तेमाल किसी क्षेत्र मे किसी भी बिन्दु से उस क्षेत्र के टेक्स्ट के आखिर पर जाने के लिए किया जाता है|

ESC – इसका इस्तेमाल वर्तमान मे खुली हुई स्क्रीन को बंद करके पिछली स्क्रीन पर वापस जाने के लिए किया जाता है|

Ctrl+Up/Down – इस key का प्रयोग किसी भी सेक्शन के फ़र्स्ट या लास्ट मेनू मे जाने के लिए किया जाता है|

Up arrow – इस key का प्रयोग किसी भी सूची मे एक लाइन उपर जाने के लिए या पिछले क्षेत्र मे जाने के लिए किया जाता है|

Down arrow – इस key का प्रयोग किसी भी सूची मे एक लाइन नीचे जाने के लिए या अगले क्षेत्र मे जाने के लिए किया जाता है|

Left arrow – इस key का प्रयोग किसी भी टेक्स्ट, कॉलम या मेनू के बाई ओर  मुव करने के लिए किया जाता है|

Right arrow – इस key का प्रयोग किसी भी टेक्स्ट, कॉलम या मेनू के दाई ओर मुव करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+End – इस key का प्रयोग किसी भी रिपोर्ट के अंतिम लाइन पर जाने के लिए किया जाता है|

Ctrl+Home – इस key का प्रयोग किसी भी रिपोर्ट के पहली लाइन पर जाने के लिए किया जाता है|

Ctrl+N – इस key का प्रयोग Calculator को खोलने या हाइड करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+Q –  इस key का इस्तेमाल करके आप अपने खुली हुए tally application को बंद कर सकते है|

Ctrl+Alt+R – यदी डाटा मे किसी प्रकार का error आ जाता है तो उसे ठीक करने के लिए या सीधे शब्दो मे कहे तो  Tally Data को Rewrite करने के लिए इस key का प्रयोग किया जाता है|

Alt+F4 – इस key का इस्तेमाल करके आप अपने खुली हुए tally application को बंद कर सकते है|

Ctrl+Alt+B – इस key का इस्तेमाल tally की निर्माण जानकारी को देखने के लिए किया जाता है|

Ctrl+Alt+T – इस key का इस्तेमाल TDL/Add-on डिटेल्स को देखने के लिए किया जाता है|

+ (Plus) – इस key का प्रयोग किसी Month की रिपोर्ट देखते समय Next Month पर जाने के लिए किया जाता है|

– (Minus) –  इस key का प्रयोग किसी Month की रिपोर्ट देखते समय पिछले Month पर जाने के लिए किया जाता है|

Ctrl+A –  इस key का प्रयोग किसी भी रिपोर्ट या स्क्रीन को तुरंत Save करने के लिए किया जाता है|

Alt+Enter – इस key का प्रयोग किसी भी रिपोर्ट को विस्तार रूप से जानने के लिए किया जाता है|

इसे भी पढ़े :-  What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi

Shortcut keys for reports in Tally Prime

Alt+A – इस key का प्रयोग रिपोर्ट मे वाउचर को Add करने के लिए किया जाता है|

Alt+X – इस key का प्रयोग वाउचर को Cancel करने के लिए किया जाता है|

Alt+D – इस key का प्रयोग किसी भी entry को delete करने के लिए किया जाता है|

Alt+I – इस key का प्रयोग वाउचर रिपोर्ट मे वाउचर को Add करने के लिए किया जाता है|

Alt+2 – इस key का प्रयोग किसी भी वाउचर या entry को कॉपी करने के लिए किया जाता है|

Enter – इस key का प्रयोग रिपोर्ट मे एक लाइन से नीचे ड्रिल करने के लिए किया जाता है|

Shift+Enter – इस key का प्रयोग वाउचर की सम्पूर्ण जानकारी देखने के लिए किया जाता है|

Ctrl+Enter – जब किसी वाउचर मे Entry करते समय यदि किसी Ledger मे सुधार (Alter) करने की जरूरत होती है तब उस Ledger पर Ctrl+Enter key का इस्तेमाल किया जाता है|

Ctrl+R – इस key का प्रयोग किसी भी entry को Remove/Hide करने के लिए किया जाता है|

Alt+T – इस key का प्रयोग टेबल मे किसी डिटेल्स को Show या Hide करने के लिए किया जाता है|

Alt+U – इस key का इस्तेमाल करके आप सभी Remove/Hide किए गए entry को एक साथ वापस ला सकते है|

Ctrl+U – इस key का प्रयोग Remove/Hide किए गए entry को एक-एक करने वापस लाने के लिए किया जाता है|

Space Bar – इस key का प्रयोग रिपोर्ट मे वाउचर या लाइन को सिलेक्ट करने के लिए किया जाता है|

Shift+Space Bar – इस key का प्रयोग रिपोर्ट मे वाउचर या लाइन का चयन करने के लिए किया जाता है|

Shift+Up/Down – इस key का प्रयोग करके आप रिपोर्ट के सभी entry को एक साथ सिलेक्ट कर सकते है| इसके लिए आपको Shift key को दबा के रखना है तथा Up और Down key का प्रयोग करना है|

Ctrl+Space Bar – इस key का प्रयोग रिपोर्ट के सभी entry या line को Select या Deselect करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+Shift+End – इस key का प्रयोग रिपोर्ट के सभी लाइन को अंत तक Select करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+Shift+Home – इस key का प्रयोग रिपोर्ट के सभी लाइन को शीर्ष तक Select करने के लिए किया जाता है|

Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi 

Shortcut Keys for Vouchers in Tally Prime 

Alt+C – यदि आप कोई entry कर रहे है और उस entry के Amount फील्ड मे कैलक्युलेशन कर के Amount लिखना है तो आप सीधे Amount फील्ड पर Alt+C दबाएगे तो आपके सामने Calculator ओपेन हो जाएगा और आप Calculation कर सकते है|

Alt+V – यदि आप कोई GST Report देख रहे होते है और आपको सीधे GST Portal पर जाना है तो आप इस key का प्रयोग करके जा सकते है|

Ctrl+D – इस key का प्रयोग वाउचर मे item/ledger को remove करने के लिए किया जाता है|

Alt+D – इस key का प्रयोग वाउचर मे लेन-देन हटाने के लिए किया जाता है|

Alt+R – इस key का प्रयोग वाउचर entry करते समय पिछले वाउचर के Narration को इस entry मे लाने के लिए किया जाता है|

Ctrl+R – इस key का प्रयोग वाउचर entry करते समय पिछले सेम वाउचर के Narration को इस entry मे लाने के लिए किया जाता है|

Tab – वाउचर entry करते समय कर्सर या इनपुट फील्ड को आगे बढ़ाने के लिए Tab key का प्रयोग किया जाता है|

Shift+Tab – वाउचर entry करते समय कर्सर या इनपुट फील्ड को पीछे जाने के लिए Shift+Tab key का प्रयोग किया जाता है| यह कार्य आप Backspace key के द्वारा भी कर सकते है|

Backspace – इस key का प्रयोग टाइप किए गए Amount को हटाने के लिए किया जाता है|

Alt+C – यदि आप वाउचर entry कर रहे है और आपको उस समय कोई भी ledger create करनी है तो आप Alt+C के द्वारा कर सकते है|

Alt+F4 /Ctrl+F4 – वाउचर मे entry करते समय राशि के स्थान पर Currency Symbol मे परिवर्तन करने के लिए इस key का प्रयोग किया जाता है|

Page Up – यदि आप Tally मे कोई वाउचर entry को ओपेन किया है और आप उसके पीछे के entry को देखना चाहते है तो इस key का प्रयोग कर सकते है|

Page Down – यदि आप Tally मे कोई वाउचर entry को ओपेन किया है और आप उसके आगे के entry को देखना चाहते है तो इस key का प्रयोग कर सकते है|

Ctrl+C/Ctrl+Alt+C  – इस key का प्रयोग करके आप टेक्स्ट को कॉपी कर सकते है|

Ctrl+V/Ctrl+Alt+V – इस key का प्रयोग करके कॉपी किए गए टेक्स्ट को पेस्ट करने के लिए किया जाता है|

इसे भी पढ़े :-  Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

Other shortcut key in Tally Prime

Across Tally Prime Shortcut Keys

F1 – इस key का प्रयोग करने से Tally Help विंडो ओपेन हो जाता है|

Alt+G – यह key TallyPrime की बहुत ही महत्वपूर्ण शॉर्टकट-की है| जो की बहुत ही एडवांस लेवल पर कार्य करती है| Alt+G key के द्वारा यूजर Tally Prime मे कार्य करते समय किसी भी रिपोर्ट को आसानी से देख सकते है तथा बाद मे उसी स्क्रीन पर वापस जा सकते है|

Ctrl+K – इस key का प्रयोग करके आप Tally Prime के Display Language को बदल सकते है|

Ctrl+W – यदि आप किसी अन्य भाषा मे Ledger Create करना चाहते है तो आप इस key का प्रयोग करके भाषा का चयन कर सकते है|

Ctrl+G – इस key का इस्तेमाल एक रिपोर्ट से दूसरे रिपोर्ट मे स्विच करने के लिए किया जाता है|

Alt+K – इस key का इस्तेमाल Tally Prime के Main Menu को खोलने के लिए किया जाता है जहा से आप Company Create, Alter तथा Company को Remote Access आदि कर सकते है|

F3 – यदि आप एक से अधिक कंपनी पर कार्य करते है तो एक कंपनी से दूसरे कंपनी मे जाने के लिए इस key का प्रयोग किया जाता है|

Alt+F3 – इस key का इस्तेमाल करके आप एक से अधिक कंपनी मे एक साथ काम कर सकते है| आप जैसे ही Alt+F3 प्रेस करते है तो आपके सामने कंपनी की लिस्ट खुल जाती है आप उस कंपनी को सिलेक्ट करके काम कर सकते है|

Ctrl+F3 – यदि आप जिस कंपनी मे कार्य कर रहे है और उस कंपनी को बंद करना है तो आप इस key का इस्तेमाल कर सकते है|

Ctrl+F1 – इस key का इस्तेमाल करके आप सीधे Tally Prime Help विंडो को खोल सकते है|

F12 – इस key का इस्तेमाल करके आप किसी भी रिपोर्ट को एडवांस लेवल पर देख सकते है| उसके लिए रिपोर्ट पर F12 प्रेस कर दे जिससे आप के सामने एक Configuration की विंडो ओपेन होगी| जिसमे आप अपनी सुविधा के अनुसार ऑप्शन को Yes कर सकते है|

Alt+Y – इस key का प्रयोग Company के Data का Backup, Restore तथा Data को Split आदि करने के लिए किया जाता है|

Alt+Z – इस key के प्रयोग से यूजर कंपनी के डाटा को किसी भी Clint या Server से Exchange कर सकता है|

Alt+O – इस key का प्रयोग Data को Import करने के लिए किया जाता है| जिसके द्वारा यूजर कंपनी का Bank Statement या किसी भी प्रकार की XML फ़ाइल को कंपनी मे डाल सकती है|

Alt+E – इस key का प्रयोग किसी भी रिपोर्ट को ASCII, Excel, HTML, JPEG, PDF या XML फ़ाइल मे Export करने के लिए किया जाता है|

Alt+M – इस key का प्रयोग Mail करने के लिए किया जाता है| जैसे किसी पार्टी को अपनी Sale की Report भेजनी है तो इसके द्वारा आप पार्टी को सीधे Sale Report Mail कर सकते है|

Alt+P – इस key का इस्तेमाल करके आप किसी भी रिपोर्ट को Print कर सकते है|

Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi 

Reports Shortcut Keys

Alt+F1/Alt+F5 – इस key का प्रयोग रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी देखने के लिए किया जाता है|

Alt+V – इस key का प्रयोग करके आप GST Portal को खोल सकते है|

Ctrl+B – इस key का इस्तेमाल रिपोर्ट को Different Values मे देखने की लिए किया जाता है|

Ctrl+H – इस key का प्रयोग रिपोर्ट को अलग-अलग तरीको से देखने के लिए किया जाता है जैसे Post Dated Summary, Cash Deposit Slip, Daily Breakup, Monthly Summary इत्यादि|

Ctrl+J – इस key का प्रयोग Optional Vouchers, Cancelled Vouchers और Post-Dated Vouchers को देखने के लिए किया जाता है|

Alt+F12 – इस key का प्रयोग किसी डेटा को फ़िल्टर करके देखने के लिए किया जाता है|

Vouchers Shortcut keys

F4 – इस key का इस्तेमाल Contra Voucher (बैंक लेन-देन) का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

F5 – इस key का इस्तेमाल Payment Voucher (भुगतान) का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

F6 – इस key का इस्तेमाल Receipt Voucher (प्राप्ति) का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

F7 – इस key का इस्तेमाल Journal Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+F7 – इस key का इस्तेमाल Physical Stock Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है| यह एक Inventory Voucher है|

Alt+F7 – इस key का इस्तेमाल Stock Journal Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है| यह एक Inventory Voucher है|

F8 – इस key का इस्तेमाल Sale Voucher (विक्री) का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+F8 – इस key का इस्तेमाल Sales Order Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

Alt+F8 – इस key का इस्तेमाल Delivery Note Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

F9 – इस key का इस्तेमाल Purchase Voucher (खरीदी) का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+F9 – इस key का इस्तेमाल Purchase Order Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

Alt+F9 – इस key का इस्तेमाल Receipt Note Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

Alt+F6 – इस key का इस्तेमाल Credit Note Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

Alt+F5 – इस key का इस्तेमाल Debit Note Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+F4 – इस key का इस्तेमाल Payroll Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+F5 – इस key का इस्तेमाल Rejection Out Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+F6 – इस key का इस्तेमाल Rejection In Voucher का उपयोग करने के लिए किया जाता है|

F10 – इस Key का इस्तेमाल करके आप सभी Voucher की Shortcut Key को देख सकते है उसके लिए आपको वाउचर पर जाना है और F10 प्रेस करना है|

Ctrl+I – जब आप वाउचर मे entry कर रहे होते है और उस entry से संबन्धित अधिक जानकारी लिखने की आवश्यकता होती है| तो ऐसे मे आप उस वाउचर पर Ctrl+I का प्रयोग कर अधिक जानकारी लिख सकते है|

Ctrl+F – इस Key का प्रयोग Voucher मे Autofill विवरण को भरने के लिए किया जाता है|

Ctrl+H – इस key का प्रयोग वाउचर को विभिन्य Mode मे चेंज करने के लिए किया जाता है|

Alt+S – इस key का प्रयोग वाउचर मे Entry करते समय किसी स्टॉक की Query देखने के लिए किया जाता है|

Ctrl+L – इस key का प्रयोग किसी वाउचर मे Optional वाउचर को लागू करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+T – इस key का इस्तेमाल Post-Dated वाउचर के रूप मे Entry करने के लिए किया जाता है|

Vouchers and Reports Shortcut Keys

Ctrl+M – इस key का प्रयोग करेंट वाउचर या रिपोर्ट को Mail करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+E – इस key का प्रयोग करेंट वाउचर या रिपोर्ट को Export करने के लिए किया जाता है|

Ctrl+P – इस key का प्रयोग करेंट वाउचर या रिपोर्ट को Print करने के लिए किया जाता है|

F2 – इस key का प्रयोग वाउचर के Date को बदलने के लिए किया जाता है|

Alt+F2 – इस key का प्रयोग रिपोर्ट, वाउचर या कंपनी की अवधि बदलने के लिए किया जाता है|

इसे भी पढ़े :- 

Tally Prime मे GST के साथ Purchase Entry कैसे करे ?

Tally Prime मे Godown कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Unit कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Stock Group कैसे बनाये ?

Tally Prime मे Stock Item कैसे बनाये ?

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

Tally Prime me Ledger kaise banaye ?

Tally Prime me group kaise banaye ?

Tally Prime मे Company कैसे बनाये?

What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi

पोस्ट से संबन्धित सारांश :-

आज हमने इस पोस्ट मे Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे Hindi मे details से बताया है| यदि आपको टैली प्राइम के बारे मे और भी कुछ जानना है तो आप हमे Comment कर सकते है या हमे Mail कर सकते है| हम उस topic पर भी article बना के publish कर देंगे| हम उम्मीद करते है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा| यदि यह पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे, जिससे उनको भी यह जानकारी प्राप्त हो सके|

Tally Prime All Shortcut Keys in Hindi – Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे जाने हिन्दी मे Read More »

Tally Prime मे Company कैसे बनाये? How to Create Company in Tally Prime in Hindi

How to Create Company in Tally Prime in Hindi

Tally Prime मे Company कैसे बनाये? How to Create Company in Tally Prime in Hindi

दोस्तो जैसा की आपको पता होगा की Tally Solution Company ने Tally का ही एक नया Software रिलीज किया है जिसका नाम है Tally Prime. मगर क्या आप जानते है की Tally Prime Accounting Software मे Company कैसे बनाते है? तो आज हमलोग Tally Prime मे Company कैसे बनाते है उसके बारे मे स्टेप वाइज़ Details मे जानेगे|

दोस्तो Tally Prime भी Tally ERP 9 की तरह ही एक Accounting Software है, मगर इसमे कुछ Additional Features जोड़े गए है तथा इसमे आपको एक नया User Interface देखने को मिलेगा|

इसे भी पढ़े :- Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे जाने हिन्दी मे

Tally Prime मे Company कैसे बनाये?

यदि आप Tally Prime मे एक नया Company Create करना चाहते है तो नीचे दिये गए Step को फॉलो करे|

Step 1 :- सबसे पहले Tally Prime को अपने कम्प्युटर मे ओपेन कर लीजिये, ओपेन होने के बाद अब आप Create Company वाले ऑप्शन पर क्लिक करिये| (Create Company का ऑप्शन आपको Gateway of Tally मे भी मिल जाएगा)

Tally Prime मे Company कैसे बनाये? How to Create Company in Tally Prime in Hindi

Step 2 :- Create Company पर क्लिक करते ही आपके सामने Company Creation से संबन्धित एक Window Open हो जाएगा, इसमे आपको कंपनी के Details को Fill करना है|

Tally Prime मे Company कैसे बनाये? How to Create Company in Tally Prime in Hindi

  • Company Data Path – आपके कंपनी का डाटा किस लोकेशन पर सेव होगा उसके लिए यहा पर Data Path दिया जाता है| यहा पर बाय डिफ़ाल्ट डाटा पाथ का लोकेशन दिया गया रहता है आप चाहे तो इसे बदल कर अन्य लोकेशन भी दे सकते जहा आप अपने डाटा को सेव करना चाहते है| 
  • Company Name – यहा पे आप अपने Company का नाम टाइप करे|
  • Mailing Name – यदि आपके कंपनी का और भी कोई नाम है तो उसे आप इसमे fill कर सकते है वरना आप उसी नाम को रहने दे जो आपने Company Name मे fill किया है|
  • Address – इसमे आप अपने Company का Full Address टाइप कर दे|
  • State –  आपकी Company किस State (राज्य) मे है उसे Select कर ले|
  • Country – आपकी Company किस Country (देश) मे है उसे Select कर ले|
  • Pin Code – आपकी Company किस aria मे है उसका Aria Pin Code fill कर दे|
  • Telephone – इसमे आप अपने Company का Telephone Number fill कर दे|
  • Mobile No – इसमे आप अपने Company का Mobile Number fill कर दे|
  • Fax – यदि आपके पास कोई Fax है तो उसका Number fill कर दे|
  • E-mail – इसमे आप अपने Company का Email Address fill कर दे|
  • Website – यदि आपके Company का कोई Website है तो उस Website का URL fill कर दे|
  • Financial Year Beginning From – इसमे आप अपना Current Financial Year सिलेक्ट करे|
  • Books Beginning From – आपका Books कब से स्टार्ट हुआ है या आप अपने Books को कब से Maintain करना चाहते है उसे सिलैक्ट कर ले|
  • Base Currency symbol – यदि आप India से है तो इसमे Rupee के Symbol को रहने दे|
  • Formal Name – यदि आप India से है तो इसमे INR रहने दे या आप अपने देश के हिसाब से डाल सकते है|

Finally इन सब डिटेल्स को भरने के बाद इसे Accept करा दे|

इसे भी पढ़े :-  What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi

Step 3 :- अब आपके सामने Company created successfully का एक Message आएगा और यहा पे आपको कई सारे विकल्प दिखाई देंगे|

Tally Prime मे Company कैसे बनाये? How to Create Company in Tally Prime in Hindi

  • Accounting –  इसमे आप Maintain Accounts को Yes रहने दे, Maintain Accounts के अंदर आपको दो ऑप्शन मिलता है एक Enable Bill-wise entry इसे भी Yes रहने दे और दूसरा Enable Cost Centres यदि आपकी Company के अलग-अलग branches है और उन सभी branches का Accounts एक ही जगह maintain होता है और आप Branch wise सारे चीजों को दिखाना चाहते है जैसे की किस ब्रांच मे किस हैड मे कितना expense हुआ या कितना income हुआ आदि तो इस ऑप्शन को Yes कर दे अन्यथा इसे No रहने दे|
  • Inventory – यदि आपका Business Goods से संबन्धित है और आप अपने Books मे Inventory (Stock) को दिखाना चाहते है तो आप इन ऑप्शन को use कर सकते है और यदि आपका Business Service से संबन्धित है और आप कोई भी Inventory अपने books मे नही दिखाना चाहते है तो आप इन सब ऑप्शन को No कर दे| 
  • Taxation – इसके अंदर आपको तीन ऑप्शन मिलेंगे Enable Goods and Services Tax (GST), Enable Tax Deducted at Source (TDS) और Enable Collected at Source (TCS) यदि आपकी कंपनी इन तीनों मे से जिसमे भी Registered है उसे Yes कर दे, Yes करते ही आपके सामने उससे संबन्धित एक विंडो ओपेन हो जाएगा उसमे आप सारे डिटेल्स को भर के सेव कर दे| और यदि आप इनमे से किसी मे भी registered नही है तो इसे No कर दे|
  • Online Access – यदि आप अपने Tally को ऑनलाइन एक्सैस करना चाहते है तो आप इसे Yes कर दे अन्यथा इसे No कर दे|
  • Others – Enable multiple addresses यदि आपके Business मे multiple addresses है तो इसे Yes कर दे, Yes करते ही आपके सामने एक विंडो ओपेन हो जाएगा उसमे आप अपने सारे Address को भर के सेव कर दे| Mark modified vouchers यह ऑप्शन Audit उदेश्य के लिए होता है जिसमे आप Creation के बाद बदले गए सभी Vouchers को देख सकते है|

इन सब डिटेल्स को भरने के बाद इसे Accept कर दे अब आपकी Company Successfully Create हो जाएगी और आपके स्क्रीन पर Gateway of Tally की विंडो ओपेन हो जाएगी|

Company के लिए Password कैसे सेट करे|

  • Company Create होने के बाद आप अपने Keyboard से Alt + K दबाये, उसके बाद आपके स्क्रीन पर एक विंडो ओपेन हो जागेगी|
  • उस विंडो मे से आप Security के ऑप्शन पर क्लिक करे|
  • क्लिक करते ही आपके सामने एक दूसरा विंडो ओपेन हो जाएगी, उसमे आप Control User Access to Company Data को Yes कर दे|
  • Yes करते ही आपके सामने User Name और Password का ऑप्शन आएगा इसमे आप User Name और Password डाल के सेट कर ले और उस User Name और Password को कही लिख के रख ले|
  • उसके बाद आप इसे Accept करा दे| अब आपके Company के लिए Password सेट हो गया है|

इसे भी पढ़े :- 

Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे जाने हिन्दी मे

Tally Prime मे GST के साथ Purchase Entry कैसे करे ?

Tally Prime मे Godown कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Unit कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Stock Group कैसे बनाये ?

Tally Prime मे Stock Item कैसे बनाये ?

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

Tally Prime me Ledger kaise banaye ?

Tally Prime me group kaise banaye ?

What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi

पोस्ट से संबन्धित सारांश :-

आज हमने इस पोस्ट मे आपको बताया की tally prime me company kaise create kiya jata hai इसके बाद भी आपको अपने कंपनी को create करने मे कोई परेशानी होती है तो आप हमे Comment करके पुछ सकते है या हमे Mail कर सकते है| हम आपकी परेशानी को दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे| हम उम्मीद करते है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा| यदि यह पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे, जिससे उनको भी यह जानकारी प्राप्त हो सके|

Tally Prime मे Company कैसे बनाये? How to Create Company in Tally Prime in Hindi Read More »

What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi

What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi

What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi

इस पोस्ट मे हमलोग Tally Prime तथा उसके Features के बारे मे जानेगे| दोस्तो क्या आपको पता है की Tally Solution Company ने Tally का ही एक नया Software रिलीज किया है जिसका नाम है Tally Prime. जिसमे Tally ERP 9 के कमजोरियों को दूर करके Tally पर कार्य करने वालों के लिए एक सरल वातावरण तैयार किया गया है जिसमे आप पहले से और आसानी से कार्य कर सकते है| टैली प्राइम को 09 नवम्बर 2020 को रिलीज किया गया है|  ऐसे मे आप लोगो के दिमाग मे टैली प्राइम से संबन्धित बहुत सारे सवाल होंगे, आज हम इस पोस्ट मे हम उसी सब सवाल का जवाब देंगे और साथ मे हम आपको यह भी बताएगे की Tally Prime मे कौन-कौन से नए Features को जोड़ा गया है|

What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi

Tally prime kya hai ? Tally prime in hindi 

टैली प्राइम एक Accounting Software है और यह Tally ERP 9 का ही अपडेट वर्जन है| टैली प्राइम मे QR Code, E-Way Bill, E-Invoice, Bank Cancellation update, Multi Printing, Oman Vat, e-payment के साथ-साथ यूजर फ़्रेडली interface तैयार किया गया है| टैलि प्राइम रिलीज होते ही टैली का Structure ही बदल गया है| टैली प्राइम मे टैली के उपयोग को पहले से और भी आसान बना दिया गया है| टैली प्राइम मे बहुत सारे नए फीचर्स को जोड़ा गया है तथा इसके स्पीड को भी पहले से फास्ट बना दिया गया है|

टैली प्राइम मे स्क्रीन व्यू मे भी बदलाव किया गया है, जहा Tally ERP 9 मे Yellow और Green कलर मे स्क्रीन डिस्प्ले होती है वही टैली प्राइम मे White और Blue कलर डिस्प्ले होता है| Tally ERP 9 मे टैली को ओपेन करने के लिए जहा F1 key का प्रयोग करना पड़ता था वही टैली प्राइम मे इसके लिए F3 का प्रयोग किया जाएगा|

Difference between Tally ERP9 and Tally Prime

Tally Prime मे Create और Alter करने का तरीका पूरी तरह से बदल दिया गया है| जहा Tally ERP 9 मे Account info और Inventory info नाम से दो Menu दिये गए थे जिनका इस्तेमाल Create, Display और Alter के लिए किया जाता था, वही अब टैली प्राइम मे ये दोनों Menu को हटा दिया गया है और Create और Alter ऑप्शन को main Menu मे Masters लिस्ट के अंदर जोड़ दिया गया है| 

Create और Alter ऑप्शन के अंदर आपको Accounting Masters, Inventory Masters और Statutory Details की लिस्ट मिलेगी जिसे भी आपको Create और Alter करना हो उसे सिलेक्ट कर के कर सकते है|

Tally Prime Features in Hindi 

Tally Prime मे बहुत सारे नए फीचर्स को जोड़ा गया है जिसका उल्लेख नीचे किया गया है|

  • Tally के नए वर्जन Tally Prime मे इसके Logo को बदल दिया गया है| नया Logo पहले की अपेक्षा बहुत ही आकर्षक लग रहा है|
  • Tally Prime मे सबसे बड़ा अपडेट Go To फीचर का है, टैली प्राइम मे Go To shortcut का इस्तेमाल करके आप रिपोर्ट को बहुत ही आसानी से generate कर सकते है| अब आपको किसी भी रिपोर्टस को ढुढ़ने की आवश्यकता नही पड़ेगी| Go To ऑप्शन का इस्तेमाल करके आप रिपोर्ट को डाइरेक्ट एक्सेस कर सकते है और साथ ही Voucher और Master को Create और Alter भी कर सकते है| Go To का Shortcut key Alt + G होता है|
  • जहाँ Tally ERP 9 मे डेटा को कॉपी करने के लिए Ctrl + Alt + C तथा डेटा को पेस्ट करने के लिए Ctrl + Alt + V key का इस्तेमाल किया जाता है वही टैलि प्राइम मे कॉपी करने के लिए Ctrl + C तथा पेस्ट करने के लिए Ctrl + V का इस्तेमाल होता है|
  • टैली प्राइम के Gateway of Tally मे Masters Menu के अंदर Chart of Accounts ऑप्शन दिया गया है, यह ऑप्शन Tally ERP 9 मे Display Menu के अंदर List of Accounts नाम से आता है| इस Menu को भी टैली प्राइम मे एडवांस तरीके से दर्शाया गया है|
  • टैली प्राइम मे Multitasking Features दिये गए है जिससे आप एक कार्य के बीच मे कोई दूसरा कार्य भी कर सकते है| जबकि Tally ERP 9 मे यह सुविधा नही है|
  • टैली प्राइम मे आप किसी भी Voucher की entry करते समय भी यदि आपको कोई दूसरी रिपोर्ट देखनी है या उस रिपोर्ट को प्रिंट करना है तो आप  Go To ऑप्शन का इस्तेमाल करके आसानी से कर सकते है| आपको इसके लिए पीछे जाने की जरूरत नही पड़ेगी|
  • Tally ERP 9 मे नए यूजर को रिपोर्ट को एक्सपीरियंस करने मे practically इनका इस्तेमाल करने मे समय लगता है| क्यूकी यह सब रिपोर्ट्स अलग-अलग Menu मे होते थे और सब को पता नही चल पता था की कौन सा रिपोर्ट किस Menu मे है| मगर टैली प्राइम मे Go To के अंदर Expand All/Collapse All का ऑप्शन दिया गया है Expand All ऑप्शन का इस्तेमाल करके आप सभी रिपोर्ट्स को कैटेगरी वाइज़ डिस्प्ले कर सकते है और उन्हे एक्सेस कर सकते है|

इसे भी पढ़े :-  Tally Prime मे Company कैसे बनाये? How to Create Company in Tally Prime in Hindi

Tally Prime के बारे मे कुछ महत्वपूर्ण बाते 

  • जो भी यूजर्स जो पहले से Tally.ERP 9 का इस्तेमाल कर रहे है उसे टैली प्राइम खरीदने की आवश्यकता नही है उन्हे केवल टैली प्राइम को Download करना है और अपने टैली ईआरपी 9 के Administrator User ID और Password का इस्तेमाल करना है| मगर उन्हे यह ध्यान देना है की उनका TSS Expire नही हुआ हो और यदि TSS Expire हो गया हो तो उसे renew कर ले तभी वे टैली प्राइम का use कर पाएंगे|
  • आप अपने Tally ERP 9 के data को टैलि प्राइम मे आसानी से माइग्रेट कर सकते है| जब आपका डाटा Migrate हो जाएगा तब आप टैली प्राइम मे इसका उपयोग कर सकते है|
  • टैली प्राइम मे भी वो सभी रिपोर्ट्स प्राप्त किया जा सकते है जो टैली ईआरपी 9 मगर टैली प्राइम मे रिपोर्ट्स generate करने का तरीका भिन्य और सरल है|
  • आप टैली प्राइम को डाउनलोड करके Education Mode मे प्रैक्टिस कर सकते है|
  • आप अपने पुराने वर्जन Tally ERP 9 का भी इस्तेमाल कर सकते है|

Recommended System Configurations for TallyPrime 

Particulars Recommended Configurations
Processor (प्रोसेसर) 1.8 GHz 64-bit (×64) architecture Processor,

Core2 Duo, Dual Core, Core i3, Core i5, Core i7 equivalent, or above

RAM (रैम) 4 GB or More
Hard Disk (हार्ड डिस्क) 150 GB Free space to install the application

(This excludes the space required to store company data)

Monitor Resolution (मॉनिटर रिसोलुसन) 1366 × 768
Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम) 64-bit editions of Microsoft 7, Windows Server 2008 R2, or above
Other MS Office software (अन्य एमएस ऑफिस सॉफ्टवेयर) 64-bit editions of MS Office software such as Excel, Word and so on

Tally Prime Download

Tally Prime को Download करने के लिए यहा क्लिक करे|

इसे भी पढ़े :- 

Tally Prime के सभी Shortcut Keys के बारे मे जाने हिन्दी मे

Tally Prime मे GST के साथ Purchase Entry कैसे करे ?

Tally Prime मे Godown कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Unit कैसे बनाए ?

Tally Prime मे Stock Group कैसे बनाये ?

Tally Prime मे Stock Item कैसे बनाये ?

Tally Ledgers Under Group List in Hindi ?

Tally Prime me Ledger kaise banaye ?

Tally Prime me group kaise banaye ?

Tally Prime मे Company कैसे बनाये?

पोस्ट से संबन्धित सारांश :-

आज हमने इस पोस्ट मे आपको बताया की tally prime kya hai तथा इसमे कौन-कौन से नए Features को जोड़ा गया है| यदि आपको टैली प्राइम के बारे मे और भी कुछ जानना है तो आप हमे Comment कर सकते है या हमे Mail कर सकते है| हम उस topic पर भी article बना के publish कर देंगे| हम उम्मीद करते है की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा| यदि यह पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे, जिससे उनको भी यह जानकारी प्राप्त हो सके|

What is Tally Prime ? Tally Prime Features in Hindi Read More »

How to Install MS Paint – Computer मे MS Paint को कैसे Install करे

How to Install MS Paint – Computer मे MS Paint को कैसे Install करे

How to Install MS Paint – Computer मे MS Paint को कैसे Install करे

MS Paint एक एसा Application है जो Windows के हर संस्करण मे पाया जाता है यह Windows के साथ Inbuilt होता है,इसलिए एमएस पैंट को अलग से Install करने की जरूरत नही होती है| एमएस पैंट को Microsoft ने Third Party Software के रूप मे विकसित नही किया है, इसको विंडोज के साथ ही विकसित किया जाता है|

इसलिए MS Paint को अलग से खरीदने की जरूरत नही पड़ती है, किवकी जब आप Windows को अपने Computer मे Install करते है तो उसके साथ ही MS Paint भी आपके कम्प्युटर मे Install हो जाता है|

यदि आपको MS Paint के बारे मे और भी कुछ जानना है तो आप Link पे क्लिक करके जान सकते है|


 

(उमीद है की यह पोस्ट आपको अच्छी जरूर लगी होगी यदि यह पोस्ट आपको helpful लगी हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ Share करे और साथ ही Comment Box में यभी बताए की यह पोस्ट आपको कैसा लगा, यदि आपका कोई सुझाव हो तो आप वो भी Comment Box में बता सकते है, आपका हर सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है|)

जय हिन्द वंदे मातरम

 

इसे भी पढे :-

  1. What is WordPad – WordPad क्या है पूरी जानकारी हिन्दी मे
  2. How to use WordPad in Hindi – वर्डपैड का इस्तेमाल कैसे करे
  3. How to create multiple folder in one click-एक क्लिक मे सैकड़ो फोंल्डर कैसे बनाए
  4. What is Personal Computer (PC) in Hindi – पर्सनल कंप्यूटर क्या है
  5. What is System Unit in Hindi – सिस्टम यूनिट क्या है

How to Install MS Paint – Computer मे MS Paint को कैसे Install करे Read More »

How to use MS Paint in Hindi ! Microsoft Paint ka upyog kaise kare ?

MS Paint का उपयोग कैसे करे Full Tutorial हिन्दी मे

How to use MS Paint in Hindi ! Microsoft Paint ka upyog Kaise kare ?

इस पोस्ट मे हम जानेगे की MS Paint का इस्तेमाल हम कैसे करेगे, इस पोस्ट मे हम MS Paint मे जीतने भी Functions है सबके बारे मे Details मे बताया जाएगा की कौन सा Functions क्या कार्य करता है|

MS Paint क्या है वह हम इस पोस्ट मे Discuss नही करेगे क्यूकी मैंने पिछले पोस्ट मे इसे डिटेल्स मे बता चुका है यदि आपने अभी तक इसे नही देखा तो Link मे Click करके इसे देख सकते है Click Here 

Function of MS Paint – MS Paint के कार्य

How to use MS Paint in Hindi ! Microsoft Paint ka upyog Kaise kare ?

1. File (Paint Button)

MS Paint का उपयोग कैसे करे Full Tutorial हिन्दी मे

File (Paint Button) के अंदर निम्नलिखित ऑप्शन होते है|

  1. New 

    New पे Click करके आप MS Paint मे एक नई फ़ाइल बना सकते है|

  2. Open

    Open पे Click करके आप MS Paint की पहले से Save फ़ाइल को खोल सकते है|

  3. Save

    Save पे Click करके आप अपने MS Paint के फ़ाइल को जिस भी location पे Save करना चाहते है कर सकते है|

  4. Save As

    Save As पे Click करके आप पहले से Save फ़ाइल को भी किसी दूसरे location पे Save कर सकते है|

  5. Print

    Print पे Click करके आप अपने फ़ाइल को Print कर सकते है|

  6. From Scanner or Camera

    Computer मे Scanner और Camera को connect करके image को लेने के लिए इस ऑप्शन का इस्तेमाल किया जाता है|

  7. Send in email

    Send in email ऑप्शन पे क्लिक करके आप अपने फ़ाइल को मेल कर सकते है|

  8. Set as Desktop Background

    Set as Desktop Background ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप MS Paint मे बनी हुई Drawing को अपने Computer के Desktop Background मे Set कर सकते है, इसके लिए सबसे पहले उस Drawing को Computer मे Save करना होगा|

  9. Properties

    Properties ऑप्शन का उपयोग MS Paint मे बनी Image की Properties देखने के लिए किया जाता है , इसके द्वारा हम Disk Size, Resolution आदि को देख सकते है|

  10. About Paint

    About Paint ऑप्शन पे क्लिक करने पर आपको आपके Computer मे इन्स्टाल MS Paint की Copy right Version आदि information दिखाई देगा|

  11. Exit

    Exit ऑप्शन पे क्लिक करने से आपका खुला हुआ MS Paint बंद हो जाएगा|

2. Home

MS Paint का उपयोग कैसे करे Full Tutorial हिन्दी मे

Home Tab के अंदर निम्नलिखित Groups होते है|

1. Clipboard 

Clipboard Group मे तीन ऑप्शन होते है Cut, Copy, Paste

      • Cut – इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप सिलैक्ट किए गए Drawing/Shape को Cut करके एक जगह से दूसरे जगह Paste कर सकते है, इसका Short Key “Ctrl+X” है|
      • Copy – इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप सिलैक्ट किए गए Drawing/Shape को कॉपी करके दूसरे जगह Paste कर सकते है, इसका Short Key “Ctrl+C” है|
      • Paste – इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप Cut या Copy किए गए Drawing/Shape को अन्य जगह पे Paste कर सकते है, इसका Short Key “Ctrl+V” है|
      • Paste From – इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप अपने computer मे save image या Photo को MS Paint मे प्रोयोग कर सकते है|

2. Image 

Image Group के अंदर निम्नलिखित ऑप्शन होते है|

    • Crop – Crop ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप MS Paint मे किसी Picture के खास हिस्से को काम मे ले सकते है| आप अपने Keyboard से “Ctrl+Shift+X” Keys का प्रोयोग करके भी इसे कर सकते है|
    • Resize – इस ऑप्शन का इस्तेमाल करके आप किसी भी Image, Drawing, Shape आदि को MS Paint के द्वारा उपयोग के लिए Size बदल सकते है| इसका Short Key Ctrl+W है|
    • Rotate – इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप Image, Drawing, Shape यहा तक की Taxt को भी Rotate कर सकते है|
    • Select ∇ :- 
a. Selection Shapes 
          1.  Rectangle Selection – इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप अपने Drawing/Shape के आयताकार या वर्गाकार भाग को Select कर सकते है, इसके द्वारा Drawing/Shape का जो हिसा Select किया जाता है वो चौकोर Select होता है|
          2. Free-form Selection –  इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप किसी भी Drawing/Shape/Image को किसी भी आकार मे Select कर सकते है, इसके लिए आपको जिस भी हिस्से को select करना है उसके लिए आपको उस हिस्से पे Mouse के cursor को घूमाना होगा|
  b. Selection Option
          1. Select All – इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप एक साथ पूरे Canvas को Select कर सकते है, यदि आपने जो भी Drawing/Painting बनाई है वो सब Select हो जाती है, इसका Short Key “Ctrl+A” है|
          2. Invert Selection- इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप पहले से Select किए गए Object को Deselect कर सकते है, इस ऑप्शन के द्वारा कोई भी Drawing या Shape Select की गई होती है और जब आप Invert Select करते है तो वह Image/Shape Deselect हो जाती है और पूरा Canvas Select हो जाता है|
          3. Delete –  इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप Drawing, Shape और Image को Delete कर सकते है, इस ऑप्शन के द्वारा आप किसी Drawing, Shape या Image का कोई खास हिसा Delete करना चाहते है तो पहले उस हिस्से को Select करके टूल के द्वारा Delete कर सकते है|
          4. Transparent Selection – यदि आप Select किए गए Drawing, Shape या Image के Background Color का उपयोग नही करना चाहते है तो आप Transparent Selection का उपयोग कर सकते है|

How to use MS Paint in Hindi ! Microsoft Paint ka upyog Kaise kare ?

3. Tools

Tools Group के अंदर निम्नलिखित ऑप्शन होते है|

    1. Pencil – इस Tool का इस्तेमाल करके आप MS Paint मे किसी भी प्रकार की Drawing बना सकते है|
    2. Fill With Color – Fill With Color को हमलोग Color Bucket भी कहते है, इसका उपयोग आप Selected Color को Drawing, Shape या Image मे Color भरने के लिए कर सकते है|
    3. Text – इस Tool का इस्तेमाल करके आप आपने Painting/Drawing मे Text को Insert कर सकते है|
    4. Eraser – Eraser का इस्तेमाल कर आप आपने Painting का पूरा हिस्सा या जो हिस्सा आप मिटाना चाहते है उसे मिटा सकते है | Ctrl के साथ + (Plus) दबाने से Eraser का Size बड़ा होता है तथा Ctrl के साथ – (Minus) दबाने से Eraser का Size छोटा होता है | आप Color 2 पे क्लिक करके Eraser का Color भी Change कर सकते है|
    5. Color Picker – इस ऑप्शन का इस्तेमाल करके आप किसी भी Picture के Color को Pick कर सकते है, जिस भी Color को आपको लेना है उस Color पे Color Picker ले जाके Click करने से वह Color कॉपी हो जाता है और उस Color का आप इस्तेमाल अपने Drawing/Painting मे कर सकते है|
    6. Magnifier – यदि आपको MS Paint मे Painting बनाते समय किसी छोटे से हिस्से पे काम करना हो तो आप Magnifier ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते है, इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप आपने Painting को बड़ा करके उसके छोटे हिस्से को भी Edit कर सकते है|

4. Brushes 

Brushes Group के Tools का प्रयोग करके आप Pencil की तरह ही विभिन्य प्रकार के Drawing बना सकते है, Brushes Tool का इस्तेमाल कर आप Size और Effect मे Lines को Draw कर सकते है | Brushes Tool के नीचे ऐरो के निशान पे क्लिक करने से आपके सामने कई प्रकार के Brushes खुल जाते है|

Brush का Size आप Keyboard के द्वारा भी कर सकते है, Brush की मोटाई बढ़ाने के लिए Keyboard से Ctrl के साथ + (Plus) बटन दबाया जाता है और Brush की मोटाई घटाने के लिए Ctrl के साथ – (Minus) बटन दबाया जाता है|

5. Shapes

इस टूल मे बहुत सारे Shapes दिये होते है जैसे की वर्गाकार (Square), आयताकार (Rectangle), गोल (Oval) इत्यादि, इसका इस्तेमाल आप अपने Drawing/Painting मे कर सकते है| इसके द्वारा आपका Painting सुंदर और आसान हो जाता है|

6. Color 

इस Tool का इस्तेमाल कर आप अपने Drawing/Painting मे Color को डाल सकते है, इस Tool मे बहुत सारे Color दिये होते है जिस भी Color का आपको अपने Painting मे इस्तेमाल करना हो आप उसे Select करके इस्तेमाल कर सकते है|

3. View 

MS Paint का उपयोग कैसे करे Full Tutorial हिन्दी मे

View Group के अंदर निम्नलिखित ऑप्शन होते है|

1. Zoom 

    • Zoom In  इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप अपने MS Paint मे Drawing/Painting को बड़ा कर सकते है|
    • Zoom Out – इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप अपने MS Paint मे Drawing/Painting को छोटा कर सकते है|
    • 100% – इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर आप अपने MS Paint मे Drawing/Painting को नॉर्मल साइज़ कर सकते है|

2. Show or Hide

Show or Hide ऑप्शन पे क्लिक करके आप अपने MS Paint मे Rulers, Gridlines और Status bar को हाइड और अनहाइड कर सकते है, Default रूप मे Rulers और Status bar के चेक बॉक्स सिलैक्ट रहते है|

3. Display 

    • Full Screen – इसके द्वारा आप अपने Page को Full Screen कर सकते है|
    • Thumbnail – इसके द्वारा आप अपने Page को Normal View मे देख सकते है|

 

(उमीद है की यह पोस्ट आपको अच्छी जरूर लगी होगी यदि यह पोस्ट आपको helpful लगी हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ Share करे और साथ ही Comment Box में यभी बताए की यह पोस्ट आपको कैसा लगा, यदि आपका कोई सुझाव हो तो आप वो भी Comment Box में बता सकते है, आपका हर सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है|)

जय हिन्द वंदे मातरम

 

इसे भी पढे :-

  1. What is MS Paint – माइक्रोसॉफ़्ट पेंट क्या है
  2. How to Install MS Paint – Computer मे MS Paint को कैसे Install करे
  3. How to install Windows 10 in Hindi – विंडोज 10 इनस्टॉल करना सीखे हिंदी में
  4. How to install Windows 7 in Hindi – विंडोज 7 इनस्टॉल करना सीखे हिंदी में
  5. What is Computer Mouse in Hindi – माउस क्या होता है कंप्यूटर माउस की हिंदी में जानकारी

How to use MS Paint in Hindi ! Microsoft Paint ka upyog kaise kare ? Read More »

What is MS Paint in Hindi ! Microsoft Paint Kya Hai ?

What is MS Paint - माइक्रोसॉफ़्ट पेंट क्या है

What is MS Paint in Hindi ! Microsoft Paint Kya Hai ?

MS Paint एक साधारण Graphics/Drawing Editor एप्लिकेशन है जो की Windows के हर संस्करण मे पाया जाता है, एमएस पैंट अपने Users को Drawing/Painting करने की सुविधा प्रदान करती है तथा इसमे आप फोटो (Photo) को भी edit कर सकते है|

MS Paint की Window कुछ इस प्रकार से दिखाई देती है|

What is MS Paint - माइक्रोसॉफ़्ट पेंट क्या है

What is MS Paint in Hindi ! Microsoft Paint Kya Hai ?

MS Paint कि Window मे अलग-अलग भाग होते है|

  1. File
  2. Quick Access Toolbar
  3. Title Bar
  4. Ribbon
  5. Scroll Bar
  6. Status Bar
  7. Drawing Area/Canvas

चलिये अब इसे Details मे जानते है|

1. File 

File इसे MS Paint Button भी कहा जाता है, यह Menu bar मे होता है इसमे MS Paint मे बनने वाले फ़ाइल के कई विकल्प होते है, जैसे New, Open, Save, Save As, Print, From Scanner or Camera, Send in Email, Set as desktop background, Properties, About Paint, Exit.

2. Quick Access Toolbar

Quick Access Toolbar एमएस पैंट का एक महत्वपूर्ण भाग है, यह Title bar मे होता है, इसमे हम अधिकतम काम आने वाली Commands को एड (Add) कर सकते है, जिससे MS Paint मे कार्य थोड़ा Speed से हो पाता है|

3. Title Bar 

Title bar एमएस पैंट के सबसे ऊपरी भाग मे होता है, इसमे MS Paint मे बनाई गई फ़ाइल का नाम दिखाई देता है, जब तक फ़ाइल को Save नही किया जाता तब तक फ़ाइल का नाम नही दिखाई देता है, वहा पे Default रूप मे “Untitled” लिखा हुआ आता है, जैसे ही हम फ़ाइल को Save करते है तो वहा “Untitled” के जगह फ़ाइल का नाम लिखा हुआ आ जाता है|

Title Bar के दाये साइड मे तीन बटन होते है|

1. Minimize – इस बटन पे क्लिक करने से खुला हुआ Program का Icon Taskbar मे चला जाता है|

2. Maximize – इस बटन पे क्लिक करके विंडो के  Width को कम या ज्यादा किया जा सकता है|

3. Close – इस बटन पे क्लिक करके आप अपने खुले हुय program को बंद कर सकते है|

4. Ribbon 

Ribbon MS Paint का एक महत्वपूर्ण भाग होता है जो की Title Bar के नीचे होता है, Ribbon के अंदर ही सारे मत्वपूर्ण Tools दिये होते है|

5. Scroll bar

यह MS Paint विंडो मे Drawing Aria के दोनों तरफ होती है, एक Scroll bar लम्बवत (Vertically) होता है,जो की Canvas को ऊपर नीचे सरकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है  और दूसरा Scroll bar आड़ी (Horizontally) होता है,  जो की Canvas को दाय बाय सरकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है|

6. Status bar

Status bar एमएस पैंट विंडो की Drawing Aria के बिलकुल नीचे होता है, Status Bar मे ही “Zoom Level” Tool होता है जिसकी मदद से आप अपने Page को Zoom In या Zoom Out कर सकते है, Status bar के बाय कोने मे Drawing के Pixels को दिखाता है तथा इसके आगे Canvas की Width और Hight को दिखाता है|

7. Drawing Area/Canvas 

Drawing Area/Canvas यह एमएस पैंट का सबसे मत्वपूर्ण भाग होता है, यह MS Paint का सबसे बड़ा और मध्य भाग होता है, इसी भाग मे Drawing या Painting की जाती है|


 

(उमीद है की यह पोस्ट आपको अच्छी जरूर लगी होगी यदि यह पोस्ट आपको helpful लगी हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ Share करे और साथ ही Comment Box में यभी बताए की यह पोस्ट आपको कैसा लगा, यदि आपका कोई सुझाव हो तो आप वो भी Comment Box में बता सकते है, आपका हर सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है|)

जय हिन्द वंदे मातरम

 

इसे भी पढे :-

  1. How to use MS Paint – MS Paint का उपयोग कैसे करे Full Tutorial हिन्दी मे
  2. How to Install MS Paint – Computer मे MS Paint को कैसे Install करे
  3. How to create multiple folder in one click-एक क्लिक मे सैकड़ो फोंल्डर कैसे बनाए
  4. How to use Notepad as a Dairy – नोटपैड को डाइरी के रूप में कैसे उपयोग करें
  5. How to install Windows 10 in Hindi – विंडोज 10 इनस्टॉल करना सीखे हिंदी में

What is MS Paint in Hindi ! Microsoft Paint Kya Hai ? Read More »

How to Install WordPad – Computer मे WordPad को कैसे Install करे

How to Install WordPad - Computer मे WordPad को कैसे Install करे

WordPad एक एसा Application है जो Windows के हर संस्करण मे पाया जाता है यह Windows के साथ Inbuilt होता है,इसलिए WordPad को अलग से Install करने की जरूरत नही होती है| WordPad को Microsoft ने Third Party Software के रूप मे विकसित नही किया है, इसको विंडोज के साथ ही विकसित किया जाता है|

इसलिए WordPad को अलग से खरीदने की जरूरत नही पड़ती है, क्यूकी जब आप Windows को अपने Computer मे Install करते है तो उसके साथ ही WordPad भी आपके कम्प्युटर मे Install हो जाता है|

यदि आपको WordPad के बारे मे और भी कुछ जानना है तो आप Link पे क्लिक करके जान सकते है|


 

(उमीद है की यह पोस्ट आपको अच्छी जरूर लगी होगी यदि यह पोस्ट आपको helpful लगी हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ Share करे और साथ ही Comment Box में यभी बताए की यह पोस्ट आपको कैसा लगा, यदि आपका कोई सुझाव हो तो आप वो भी Comment Box में बता सकते है, आपका हर सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है|)

जय हिन्द वंदे मातरम

 

इसे भी पढे :-

  1. What is WordPad – WordPad क्या है पूरी जानकारी हिन्दी मे
  2. How to use WordPad in Hindi – वर्डपैड का इस्तेमाल कैसे करे
  3. How to create multiple folder in one click-एक क्लिक मे सैकड़ो फोंल्डर कैसे बनाए
  4. How to use Notepad as a Dairy – नोटपैड को डाइरी के रूप में कैसे उपयोग करें
  5. What is Hardware ? – हार्डवेयर क्या है

How to Install WordPad – Computer मे WordPad को कैसे Install करे Read More »